नागपूर | अजिंक्य महाराष्ट्र न्यूज | प्रतिनिधी सतिश कडु
नागपुर : संतों की आध्यात्मिक विरासत को समर्पित तीन दिवसीय भक्ति कार्यक्रम 15 दिसंबर को दादाधाम में सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम 13 दिसंबर को श्री दादाजी धूनीवाले महाराज की पुण्यतिथि के साथ आरंभ हुआ, 14 दिसंबर को दत्त जयंती मनाई गई, और 15 दिसंबर को संत श्री नरेंद्र दादाजी की तीसरी पुण्यतिथि के साथ इसका समापन हुआ।
कार्यक्रम के पहले दिन सुबह 7 बजे श्री दादाजी धूनीवाले महाराज की पूजा, अभिषेक और हवन के साथ आरंभ हुआ। शाम को भजन संध्या, दहीहांडी और 5:30 बजे गोपालकला उत्सव का आयोजन किया गया। इसके बाद श्री दादाजी धूनीवाले महाराज की पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। दिन का समापन महाआरती और महाप्रसाद के वितरण के साथ हुआ।
दूसरे दिन दत्त जयंती के अवसर पर गुरुचरित्र का पाठ किया गया और इसके बाद पूजा व आरती संपन्न हुई।
तीसरे और अंतिम दिन की शुरुआत सुबह 7 बजे श्री नरेंद्र दादाजी की प्रतिमा की पूजा, अभिषेक और हवन के साथ हुई। शाम को ५ बजे सुंदरकांड पाठ हुआ।कार्यक्रम का समापन आरती और महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ।
श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दादाधाम की प्रमुख कविता ताईजी ने श्री नरेंद्र दादाजी के बताए हुए मार्ग एवं उपदेशों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने गुरु को प्रत्येक भक्त के जीवन में एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में बताया.
