राजकुमार सतनामी होंगे समाजिक योद्धा सम्मान से सम्मानित.
रिपोर्टर -सारंग महाजन
रायपुर : जिला मुंगेली थाना पथरिया ग्राम चंदली सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत एक प्रखर योद्धा
राजकुमार सतनामी
— एक सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक जेल यात्री की प्रेरणादायक कहानी
छत्तीसगढ़ की सामाजिक जागरूकता की धरती पर एक नाम निरंतर गूंज रहा है — राजकुमार सतनामी। वे न केवल एक कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता हैं, बल्कि सामाजिक अन्याय के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करने के चलते सामाजिक जेल यात्री भी बन चुके हैं। उनका जीवन उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो समाज में समानता, न्याय और आत्म-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।
संघर्षों से संकल्प तक की यात्रा
राजकुमार सतनामी ने सामाजिक असमानता, जातीय भेदभाव और शोषण के विरुद्ध अपने संघर्ष की शुरुआत युवावस्था में ही कर दी थी। समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा हेतु उन्होंने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति उत्थान संघर्ष संघ की स्थापना की, और इसके वे संस्थापक एवं प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस संगठन के माध्यम से उन्होंने पूरे राज्य में अनुसूचित जातियों के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने, सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन और दलित वर्ग को न्याय दिलाने के लिए अनेक आंदोलन किए।
सतनाम क्रांति का नेतृत्व
राजकुमार सतनामी सतनाम क्रांति सेना छत्तीसगढ़ के भी प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस संगठन का उद्देश्य है — गुरु घासीदास बाबा के बताए हुए ‘सत्य-अहिंसा-समता’ के मार्ग पर चलते हुए सतनामी समाज को संगठित करना, उन्हें उनके सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना, और छत्तीसगढ़ में एक न्यायपूर्ण सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना।
सामाजिक जेल यात्रा: अन्याय के विरुद्ध आवाज
जब-जब समाज में अन्याय, अत्याचार या दलित समाज के साथ शोषण हुआ, राजकुमार सतनामी ने चुप रहने के बजाय आवाज उठाई। कई बार उन्होंने अपनी आवाज के कारण जेल की यातना भी सही, परंतु कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उन्होंने यह सिद्ध किया कि एक सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता वह होता है जो अपनी बात पर अडिग रहे, चाहे उसकी कीमत कुछ भी चुकानी पड़े।
समाज में परिवर्तन के लिए निरंतर प्रयास
राजकुमार सतनामी ने न केवल आंदोलनों के जरिये, बल्कि शिक्षा, रोजगार, सामाजिक एकता और संस्कृति के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने अनेक युवाओं को संगठित कर उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनाया। उनके नेतृत्व में कई पंचायतों, जिलों और शहरी क्षेत्रों में सामाजिक समरसता अभियान चलाए गए।
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निष्कर्ष:
राजकुमार सतनामी आज छत्तीसगढ़ के उन प्रखर सामाजिक योद्धाओं में गिने जाते हैं जिन्होंने अपने कर्म, विचार और नेतृत्व से समाज को दिशा दी है। वे न सिर्फ एक संगठनकर्ता हैं, बल्कि समाज के हर उस व्यक्ति की आवाज हैं, जो न्याय चाहता है। उनकी यह यात्रा संघर्ष की है, लेकिन भविष्य निश्चित ही बदलाव और विजय का है।
